Saturday 12 January 2019

एहसास

विधा  कुण्डलियां

मंजिल चाहे दूर हो, माझी करना पार    1.
पाना हमको लक्ष्य है, मानना न तुम  हार
मानना न तुम हार, इरादा कर लो पक्का
हिम्मत है हथियार, बात यही सच सौ टका
जीत अवश्य होगी , मन को रखना तुम अटल
रास्ते कितने कठिन,मिलेगी अवश्य मंजिल

 करता दिल याद अब भी , प्यार की मुलाकात   2 .
 कैसे नयन चार हुए ,  ताजा है सब बात
 ताजा  है सब बात, उर करता झंकृत अब भी
 वो मद भरी एहसास ,,नहीं भूलता मन कभी
 प्यार का वो आलम, बरबस क्यों याद आता
 मदहोश थे हम तुम,,, मिलन को मचला करता

साजन तेरे प्यार में , अश्रु बहाते हैं नैन।            3.
जब तक न देख लूँ तुझे, मिले न मुझको चैन।।
मिले न मुझको चैन , मिलेगी हमें वो ख़ुशी  ।
तेरे  दर्शन से ही ,  सजेगी अधर पे हँसी ।।
दिलबर तू देख ले , मेरा दयनीय जीवन
संग तुम मेरे रहो , फिर न मुरझाऊँ साजन ।।
 
प्रीतम तेरी याद में , मौसम बदला जाय।        4.
सावन में बूँद बरसे, जियरा बहुत जलाय  ।।
जियरा बहुत जलाय, उर में भरे सूनापन ।
 बूँदे मोती बने ,  मुस्कराए मन आंगन   ।।
 प्रेम प्याला पी के , होश हो जाते हैं गुम ।
प्रीत के सागर में , हम तो डुबे हैं प्रीतम  ।।

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