Friday 1 December 2017

नकाबपोश

पहचान लोगों का
बहुत ही मुश्किल
नकाबपोश बनके
घूम रहे लोग बाग
हर ओर माहौल
एक अविश्वास का ..

किसी के दोमुखी
रूप देख आईना भी
अचंभित हो जाएँ
धुंधली सी छवि लोगों की ,
चेहरे पे चिपका रहता
 आवरण झूठ का ..

अनुमान से परे
किसी के व्यक्तित्व
जेहन में सबके
संदेह का बीज
अति गहरी हो चुँकी
जड़ें अविश्वास की..
 
छुपा के रखते लोग
अपने आय व्यय
दुनियाँ ढकोसले पे टिकी .
डींगे मारने में तनिक
भी लज्जा न आती
जो न होता दिखावा
करते हैं उसका ..

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