Tuesday 19 December 2017

दूर का ढ़ोल सुहाना

रिश्ते बनाने की जितनी
दिल में होती चाहत !!
लोग उतने ही शिद्दत से 
निभाते न रिश्ते !!

करीब रहने वाले  हर हमेशा
सामने वालों की कमियों
को ढ़ूढ़ते ही रहता है
रिश्ते भी फीके फीके लगते ..

किसी से  रिश्ते बनाना
जितना आसान होता ..
पर सदा के लिए रिश्ता
निभाना उतना ही मुश्किल
होता ..

लोगों की फितरत होती है
किसी के दिलों में झांकना..
जैसे ही पहुँचते हैं करीब
वैसे ही रिश्ते की मूल्य खो देते ..

चाहे कितने ही गुणी हो कोई
पर नजदीक में रहने वाले को
उसमें सारा अवगुण नजर आता
दूर का ढ़ोल सुहावन लगता ..
 
 

 

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