Friday 15 November 2019

बरसे प्रीत फुहार

सजना  तेरा  साथ, दिया औ'  बाती जैसा ।
थाम लिया जो हाथ, जीवन मधुमास जैसा ।।
खुशियों का आधार ,सभी है पिया तुम्हीं से ।
झरता हरसिंगांर,महकता जिया तुम्हीं से ।

मन है गेंदा फूल, पिया उर वीणा  बाजे ।
पायल छनके पाँव,कंगना कर मे साजे।।
हृदय पगी है प्रीत, पिया ही दुनिया  मेरी।
जनम जनम की रीत,प्रीत है पावन तेरी।।

झूलूँ प्रिय गल-हार,अहो सौभाग्य हमारा ।
बसंत आया द्वार, है इन्तजार तुम्हारा ।।
खुश कितना संसार , कहूँ  कैसे  वर्णों मे ।
खुशियाँ नाचे द्वार, पड़ी तेरे चरणों मे।।

लायी बहार प्रीत , मौसम उमंग भरा है ।
आया मन का मीत,हुआ दिलआज हरा है।।
खिलते जब मन पुष्प ,लगते पग भी थिरकने।
रंग भरे मधुमास ,लगते दिल भी पिघलने।।

 हर्षित है खग वृन्द , भँवरे बाग में घूमे ।
कोकिल है आनन्द,  मोरा मन पिया झमे ।।
जग में प्रेम अनूप,जीवन खुशियाँ मनाता ।
जपे सभी दिन रैन, रात दिन खुशियाँ  लाता ।।

चखी  नेह की  बूँद ,पुलकित मन आंगन हुआ ।
बरसे प्रीत फुहार, कण कण रोमांचित हुआ ।।
मीरा  मन  बैराग, अंग प्रिय नहीं लगाता ।
अधर सजे मुस्कान, संग पिया का भाता ।।
उषा झा

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