Saturday 18 January 2020

पहला एहसास

मृदु स्पर्श नव उमंग मन में ।
अनगिनत यादें जेहन में ।।
शनैः शनैः वक्त फिसल गए ।
बंधन जन्म के बिछुड़  गए ।।

खिले पुष्प चमन में खुशबू ,
द्वय  दिल मचले फिर रूबरू ।।
प्रेम पावन बस महक रहे ।।
उनकी निशानी जेवर हैं ।।
पहला एहसास हृदय में ।
अनगिनत यादें जेहन में ।।

अल्हड़ मस्त स्वप्न कुँवारे ।
नयना लड़े संग तुम्हारे  ।
सूखे गुलाब किताबों में ।
छुपे हृदय हैं दर्द सारे ।
कैद अब जज्बातें दिल में ।
अनगिनत यादें जेहन में ।।
 
भूल सकी न मधुरिम यादें ।
निभा सके कहाँ तुम वादे ।।
 नहीं संग  प्रीतम  हमारे   ।
 शब्द में पिय अक्स तुम्हारे ।।
अधूरी चाह कसक दिल में ।
  अनगिनत यादें जेहन में ।

उषा झा

No comments:

Post a Comment