#दोहे छंद
🇮🇳गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुशुभकामनाएँ 🇮🇳
देश आजाद हो गया , हुए वीर कुर्बान ।
देश शक्ति सम्पन्न हो, हर दिल के अरमान
आजाद हिन्द स्वप्न नव, बने नये कानून ।
भारतीय हर्षित हुए , मन में बहुत जुनून ।।
सैनिक के कठिन तप अब , रहे सदा आबाद ।
फर्ज निभाना है हमें, देश न हो बरबाद ।।
नेता अंधे स्वार्थ में , बने फ़िरक़ा परस्त ।
भारत के टुकड़े करें, जन जन के हक जप्त ।
वोट की राजनीति में, फँसे सभी मासूम ।
जाति पाति विष बो रहे, हो सब को मालूम ।।
मातु भारती रो रही , जब जब बहते रक्त ।।
लाज नित्य ही लुट रही , क्यों सरकार असक्त ।।
सदियों भारत विश्व गुरु , अद्भुत है इतिहास ।
राम कृष्ण की ये धरा, यहाँ देव का वास ।।
गौतम महावीर लिए , युग पुरूष अवतार ।
शीश हिमालय चुम रहा , बहे गंग की धार।
संस्कृति सभी अक्षुण रहे ,बढ़े देश का मान ।
काम सभी ऐसा करें , हो सबको अभिमान ।।
लोकप्रिय कानून बने , संतुलित संविधान ।
सबको समान हक मिले, रहे दीन मुख गान ।
विश्व में भारत का ही , समृद्ध हैं गणतंत्र ।
कोई कमजोर न करें , कभी देश का तंत्र ।।
शान भारती की बढ़े , हो मुख पर मुस्कान ।
राष्ट्र अखंड! तभी सफल , शहीद के बलिदान ।
मीठी तुतली बोल से, गा रहे राष्ट्र गीत ।
देश फक्र उस पर करे , हृदय लिए वो जीत ।।
देश सुरक्षित हाथ में , वही देश के नींव ।
बच्चे माँ की लाज है , करते नहीं अजीव ।
उषा झा स्वरचित
देश फक्र उस पर करे , हृदय लिए वो जीत ।।
देश सुरक्षित हाथ में , वही देश के नींव ।
बच्चे माँ की लाज है , करते नहीं अजीव ।
उषा झा स्वरचित
उषा झा देहरादून
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