जिन्दगी एक खिलता गुलाब
जिसमें हो सुर्ख रंगीनियाँ
जबां रहे प्यार की मस्तियाँ
प्रीत के हर पल हो लाजवाब ...
बचपन की अठखेलियाँ
जवानी की अल्हड़पन
लाती शोखियाँ तब्दिलियाँ
प्रीत के हर पल हो लाजवाब ..
पाने की चाह में गुलाब
दामन कभी उलझता है
तकदीर के काँटो से ..
पर जिन्दगी निखरती है
खिले गुलाब की तरह ..
प्रीत के हर पल हो लाजवाब ..
दिलवाले की मनमौजियाँ
रूकती कहाँ बंदिशियों से
दिल जले की फितरत
जलने की शमां पे पतंगों सा
प्रीत के हर पल हो लाजवाब ..
जिन्दगी बदलती है करवटें
गुलाब के पंखुड़ियों की तरह
इसके हर रंग होती हैं हसीन
सफेद शांति, पीला-गुलाबी दोस्ती
लाल रंग प्रीत का करती है इजहार
प्रीत के हर पल हो लाजवाब ..
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