Sunday 27 June 2021

नैनन सजना के सपने

 


नैनों में तेरे ही सपने , दे दी दिल तुमको सजना ।
जीवन डगर संग ही चलना, तुम से दूर नहीं रहना ।।

दिवस खास देखो आये हैं, प्रणय निवेदन मैं करती ।
चलें दूर हो जहाँ सितारे,तुम से ही धड़कन चलती।।
नीले अंबर के नीचे मन,भर बातें करनी तुमसे ।
भार्या सजन बनी हूँ तेरी , जाने कितने युग युग से ।। 
सजन निभाना रीति प्रीति की, नहीं किसी से तुम डरना ।
जीवन डगर संग ही चलना, तुम से दूर नहीं रहना ।।

दिल के कोरे कागज पर अंकित, नाम वही सुमीत से ।
तुम्हें देखते ही दिल धड़का, तुम जुड़े हुए अतीत से  ।
सपने में एक सौम्य गंधर्व  , पुष्पक विमान पर आए ।
अनुबंध हमारा बरसों का , तभी एक दूजे को पाए।।
 मिले सनम गम या खुशी हमें,अब तो मिलकर है सहना।
जीवन डगर संग ही चलना , तुम से दूर नहीं रहना ।।

सौभाग्य फले फूले निशि दिन , स्वार्थ प्रीत से परे रहे ।
जग में अपना प्यार अमर हो , सत्य प्रेम बस टिके रहे ।
इतिहास रचे हम दीवाने , प्रेम अमित सब पढा करे ।
कायनात में रुह की दांस्ता,एक इबारत लिखा करे ।
मन मीत एक विनती सुन लो , भूल माफ सदैव करना ।

नैनों  में  तेरे  ही  सपने ,दे दी दिल तुझको सजना ।
जीवन डगर संग ही चलना,तुमसे दूर नहीं रहना ।।
_____________________________________
 प्रो उषा झा रेणु
  देहरादून 

No comments:

Post a Comment