अद्भुत कलाकारी
रब की है अनुरंजित
सप्तरंगी इन्द्र धनुष
मनोहारी..
है ये कौन चित्रकार?
कर देते अचंभित !
नभ पे देते उकेर ..
अति सुंदर चित्रकारी ।
कौन से रंग और किस
तूलिका से जाने कैसे ?
खूबसूरत रंग भर देते
मनमोहक छवि प्यारी ।
मन भी हो जैसे सप्तरंगा..
खुद में समेटे रंगों को सारे
जिन्दगी के पन्नों को रंगने
की कोशिश में प्रयत्नशील
रहता बार बार ।
जीवन है खाली पन्ना
लो जीवन को भर
खुशियों के रंगों से ..
शायद यही हो रब
का इशारा !
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