Monday 20 July 2020

रिवायत देख रुखसत वाले


काफिया- अत
रदीफ़- वाले

अर्कान- फाइलातुन, फइलातुन,फइलातुन,फैलुन

मीटर- 2122,1122,1122, 22

राज दिल के छुपा' लेते ये' सियासत वाले ।
मैल दिल में भरे' दिखते हैं' शराफत वाले ।।

खोखले रिश्ते' हुए ,स्वार्थ में' डूबे मानव ।
जह़र उगले ये' जिह़ादी बने' नफरत वाले ।।

कब निभाया रे' मनुज फर्ज जरा' बोलो तो 
पोटली खोल के' बैठे हो' शिकायत वाले ।।

कीच अबला है' फँसी कौन उबारे उसको ।
तेरी बस्ती में' सभी तो बने' इज्जत वाले ।।

चाशनी में वे'  सदा  झूठ  परोसे  छल  से ।
मशविरा फालतू' के दे ये'  नसीहत  वाले  ।।

दौर कैसा,कज़ा' कैसी है हृदय' में गम  बस।
आँख नम आज रिवायत 'देख रुखसत वाले ।।
     
जिन्दगी में उषा' शफ़कत, दुआ' रब की मानो।       
आह भरते नहीं' दिलबर कभी' किस्मत वाले ।।

शफ़कत- मेहरबानी
रिवायत - रस्म 
कज़ा - मृत्यु

उषा झा देहरादून

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