Saturday 23 September 2017

हसीन लम्हें

यादों के वो हसीन लम्हें
खुशियों से भर देते दामन
हँसते गुनगुनाते बीत जाते
आह कितने सुहाने थे वो दिन
कट जाते थे रूठने मनाने में ..

वो सुंदर और सुहाने सपने
शीतल चाँदनी रातों में देखें
आशियाना प्रीत की छाँव में
मिलकर बुनाए थे हमदोंनो ने
सजाया ख्वाहिशों को हमनें
हकीकत के सर जमीन में ...

राह चुने थे जो,चल रहे धुन में
हाथों में तेरा हाथ हो डर कैसा
आए कितने झंझावात जीवन में
करेंगे मुकाबला हम आंधियों से
सफर कट जाते हैं सुकून से
साथी भरोसे मंद हो जिन्दगी में

जिन्दगी के हर गम मिल के सहे
सुख हो या दुख हम संग संग जिये
जीवन के हर रंग मिलकर ही देखें
पर न जाने कैसी अजीब बैचेंनी है
किसे पता कब तक संग साथ रहे 
कल हो न हो क्षण भंगुर जीवन में ..

 
 
  

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