Friday 2 March 2018

उमंगों की होली

आई बसंत की बहार
धरती ने ली अंगड़ाई
खिल उठा हर चमन
लहराई वल्लरियाँ 

कलियों ने किया श्रृंगार
खुशबू पुष्पों ने बिखेरा
उन्मादित हुए पवन ..
कोयल और भ्रमरों ने
सुरों की धूम मचाई
आई रंगों की बहार ..

देखो बसंत ऋतु लाई
होली का त्योहार ..
सब राधे कृष्ण बन
स्वांग रचाने लगे
छेड़ छाड़ सजनी संग
उनमत्त हुए सजन
अटरिया में उड़ने लगी
रंग गुलाल फाग के
बजने लगी झाल मृदंग ..
पिया से मिलन को
सजनी तरसने लगी
बावरी विरहन हुई
उमंगो की बहार आई ..

आई होली प्रीत जगाने
छा गए नयनों में शुरूर
आतुर मन को मिला चैन
तन मन सबके भिगोकर
दिल से दिल को जोड़ गई
खुशियों की उल्लास लाई
देखो रंगों की बहार आई ..













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