Thursday 13 September 2018

सफेदपोश

विधा-  संस्मरण

अकेले अन्याय से लड़ पाना नामुमकिन है !"चाहे कोई कितना ही हिम्मती और निडर हो ....।"
"खासकर समाज के तथाकथित सफेदपोश से.. ।" जब रक्षक ही भक्षक हो जाए तो रही सही गुंजाइश भी खत्म हो जाती है ।
सड़क पे जुर्म होते देखके भी लोग आँखें बंद कर चल देते , आँखों देखी घटनाओं पे भी कोई गवाही नहीं देना चाहता...। सच्चाई के साथ देने वाले शायद ही नजर आता कोई  ।
" काश हर कोई चुप्पी तोड़े, डरे न नरभक्षियों से तो जहां  
  में होगी न अन्याय किसी के संग...! "

मेरे शहर में कई साल पहले एक डॉ हस्पताल के ही कैम्पस में बने क्वार्टर में रहते थे । उनकी 14 साल की मासूम बेटी को तथाकथित सफेदपोश के दरिंन्दे गुण्डे उठा के ले गए । "लोगों को समझ में नहीं आया कि इतने नेक व दयालु डॉ के साथ कोई कैसे ऐसे घृणित व्यवहार कर सकते हैं ? " कहते हैं पाप करने वालों की कोई जात नहीं होती...।"
दूसरे दिन शाम को वो बच्ची सूनसान जगह पर एक पुल के नीचे मिली , आयु बची थी इसलिए साँसें चल रही थी ..।
डॉ साहब ने घटना के तुरंत बाद पुलिस ,नेता सबके पास गुहार लगाई पर किसी ने कोई मदद नहीं की । "क्योंकि जिसने कुकाण्ड किया था, उनकी पहुँच बहुत उपर तक थी ..।"
जबकि डॉ साहब उस शहर के नामी हस्ती थे, पर बिटिया की खूबसूरती ही आफ़त हो गई ..।
"दुष्टपापियों की नजर में वो शायद खटक गई.. ।"
पुलिस को सब कुछ पता होने के बाबजूद भी,उसने कुछ नहीं किया । मामला रफा दफा हो गया ।
लोगों के हो हल्ला पर दिखाने भर को, एक दो दिन के लिए सारे दरिंन्दे जेल गए और तुरंत बाहर भी आ गए ...।
डॉ साहब गुण्डे को सजा दिलाने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़े । मंत्रियों के चक्कर काटने से लेके , कानूनी  सहारा भी लिए पर उन बदमाशों का बाल बांका भी नहीं हुआ । कारण नामचीन सफेदपोशों का वरद हस्त प्राप्त था उन्हें । उनके खिलाफ मुख खोलने के लिए कोई भी तैयार नहीं हुए....।
आज तक उस घटना को लोग याद करते हैं और सब कोई आहें भरते हैं ..।
जब तक हम सही को सही और गलत को गलत कहने की हिम्मत नहीं करेंगे..जब तक मासूमों पे जुर्म होते देख  समाज में रह रहे लोगों  की आत्मा न धिक्कारेगी ...
ऐसे कुकर्मियों को सजा दिलाने के लिए लोग चुप्पी नहीं तोड़ेंगें...
" तब तक इन बहशिंयों के अकल ठिकाने नहीं लगेंगें ...।"
समाज को अपराधियों से मुक्त करने के लिए सभी लोगों की एकता और सहायता की आज जरूरत है ।
"अकेले चना भाड़ नहीं फोड़ता ! ! "

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