Friday 14 September 2018

हिन्द की बिन्दी

भारत माँ की शान बढाती नेह से कितनी भरी है
हिन्द के मृदु उर में बसे प्राणों से प्यारी हिन्दी है

हिन्दी हमारी राष्ट्रभाषा
कईयों की ये मातृभाषा
विशालकाय जनसंख्या
एक सूत्रों में पिरोकर रखती है ।

हिन्द के मृदु उर में ..

हमारी सभ्यता संस्कृति की
खूशबू दूर दूर तक फैलाती है ।
हम सबों की अभिव्यक्ति एक 
हिन्दी ही सबों को जोड़ती है ।

हिन्द के मृदु उर में ...

देश के हर कोने कोने में हिन्दी
एक दूजे में अपनत्व जगाती है ।
हो न दुर्व्यवहार हिन्दी के संग
करे न सौतेलापन ये अभिलाषा है ।

हिन्द के मृदु उर में ..

विदेशों में शौक से जिसे सीखते
मुट्ठी भर देशवासी बोलने से कतराते
देश में हर ओर इसे मिले सम्मान
बस सबसे मेरी इतनी विनती है  ।

हिन्द के मृदु उर में ..

कई भाषाओं की जननी है ।
संस्कृत के गर्भ से निकली है ।
विश्व पटल पर हिन्दी ही
हिन्दुस्तान की पहचान है ।

हिन्द के मृदु उर में ...

जन जन की वाणी है हिन्दी
उपेक्षित न करे अंग्रेजिन्दा
सभी भाषाओं में सरल हिन्दी
देश के सिर पे सजी है बिन्दी ।

भारत माँ की शान बढाती नेह से कितनी भरी है
हिन्द के मृदु उर में बसे प्राणों से प्यारी हिन्दी है

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