रहो तुम जिस देश भाई,हमेशा खुश रहना ।
कभी भूलना न बहन को,जगह मन में देना ।
बाँधना एक सूत हथेली पर मेरे ही नाम से ।
रक्षा हो सभी बहनों का,बस ये लाज रखना ।
एक ही माली थे,एक ही बगिया की फूल वो ।
दूर भले हो गई सबसे याद करती हरदम वो ।
वंचित न करना अपने प्यार दुलार से भाई ।
भूल न पाती मायके सबके जीगर में रहती वो
माँ पिता की लाड़ली खुश रहती ससुराल ।
बचपना छोड़ सब साँचे खुद को ली ढाल ।
निभाती सभी रिश्ते दिल से मिली जो सीख ।
रीत निभाना भाई राखी पर आना हर साल ।
प्रहरी हैं सच्चे बाजी प्राणों के हँस के देते ।
पहले भेजूँ उन्हें राखी, वचन वही निभाते ।
वीर सैनिक भाई की कलाई कभी सूनी रहे ।
सुरक्षित सभी उनसे,देश हीत में आहुति देते ।
वंचितो को बांधूँ राखी ,,,मुस्कान बनी रहे ।
सबके भाई की कलाई,,,, हमेशा सजी रहे ।
बहनें जिसे बांधे न राखी,,, बड़े हतभागी हैं ।
अपने पराये के बीच भी,,, रिश्ते बनी रहे ।
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