Thursday 22 November 2018

राखी (मुक्तक)

रहो तुम जिस देश भाई,हमेशा खुश रहना    ।
कभी भूलना न बहन को,जगह मन में देना  ।
बाँधना एक सूत हथेली पर मेरे ही नाम से   ।
रक्षा हो सभी बहनों का,बस ये लाज रखना  ।

एक ही माली थे,एक ही बगिया की फूल वो  ।
दूर भले हो गई सबसे याद करती हरदम वो  ।
वंचित न करना अपने प्यार दुलार से भाई   ।
भूल न पाती मायके सबके जीगर में रहती वो

माँ पिता की लाड़ली खुश रहती ससुराल   ।
बचपना छोड़ सब साँचे खुद को ली ढाल  ।
निभाती सभी रिश्ते दिल से मिली जो सीख  ।
रीत निभाना भाई राखी पर आना हर साल   ।

प्रहरी हैं सच्चे बाजी प्राणों के हँस के देते   ।
पहले भेजूँ उन्हें राखी, वचन वही निभाते   ।
वीर सैनिक भाई की कलाई कभी सूनी रहे  ।
सुरक्षित सभी उनसे,देश हीत में आहुति देते ।

वंचितो को बांधूँ राखी ,,,मुस्कान बनी रहे   ।
सबके भाई की कलाई,,,, हमेशा सजी रहे   ।
बहनें जिसे बांधे न राखी,,, बड़े हतभागी हैं  ।
अपने पराये के बीच भी,,, रिश्ते बनी रहे      ।

No comments:

Post a Comment