Tuesday 26 February 2019

खुशनुमां पल

कुछ यादें दिल में ही दफनाने के लिए हैं
शायद वो रिश्ते बने आजमाने के लिए हैं

जमाने भर का गम दफना रखा है सिने में
आके देख ले कई जख्म दिखाने के लिए हैं

जाने किस बात की सजा दी क्यों भूल गया
डूबी विरह में तन्हाईयाँ तो सताने के लिए हैं

ये जिन्दगी अब तो उनके रहमो करम पे
टूटे न दिल, मुहब्बत तो निभाने के लिए हैं

इन्तजार में कट जाती है मेरी सुबहो शाम
अब तो ये दर्द सारी उम्र तड़पाने के लिए हैं

तेरा इश्क ने छिन लिया है मेरे सारे ही सुकून
एक झलक काफी कहर बरपाने के लिए हैं

प्रीत की बूँदे अब बरसा देना भींगे पलको पर
जीवन के खुशनुमां पल होते इतराने के लिए हैं

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