Saturday 9 February 2019

प्रेम संदेश

विधा- -गीत

दूर गए हैं मेरे सजना,,,,  भेज रही  प्रेम  संदेश
उन बिन हूँ अधूरी ,परिन्दें ,,पत्र ले जा उनके  देश

हो गयी मैं कितनी अकेली,,,,गई सखियाँ संग बालम
भेज रही मैं चिठ्ठी में दिल ,,, तुझ बिन है उदास शाम
करूँ याद वो प्यारी सूरत ,,तुम बिन दिन नहीं  विशेष
दूर गए हैं मेरे .....

बातें मीठी मन में ढ़ेरो ,,,पर करूँ मै किसके संग
प्यार मनुहार के मधुरिम पल ,,,भर रहे नैनों में रंग
आ धमका ऋतु बसंत, विरह,,,बढा रहे उर के क्लेश
दूर गए हैं मेरे .......

भ्रमर कली पे प्रमुदित,,, आ रखा मधुमास नेहिल
कूक कोकिल की न भाये,,हृद में अब न नेह स्नेहिल
सुप्त हैं धड़कनें हुए सर्द नब्ज ,,,बढे हृदय के आवेश
दूर गए हैं मेरे ...

निश दिन तकती तेरी राह,,,रोज रवि के ढलने तक
द्वय नयनों से मोती टपके,,,हर आहट चौंके पलक
नयनों में बीत रही रैन,,,, प्रिये  गुम  हैं  मेरे  होश
दूर गए हैं मेरे ....

भूल गए विदेश में क्यों,आ के,, प्रीत गंधिल बरसाओ 
हर लफ्ज में है दर्द व आँसू,,,पत्र पा पी जल्दी आओ
भारी पड़ता एक एक क्षण ,,,,कर  वियोग के  रैन  शेष
दूर गए हैं मेरे सजना,,,, भेज  रही  प्रेम  संदेश

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