Tuesday 18 July 2017

निःस्वार्थ प्रीत

प्रेम करने वाले कभी दिखावा
नहीं करते ..
कभी जताया भी नहीं करते ।
वो तो एक एहसास है जो रूह
महका देते हैं ।
वे व्यवहार से अपने प्रीत को
सदा के लिए अमर बना देते हैं ।।
सच्चे प्रीत को शब्दों की जरूरत
नहीं होती ।
वो तो मन के आँखों से महसूस
किया जाता ।।
निःस्वार्थ भाव से किया प्रेम कभी
मोहबंधन के जकड़नों में न पड़ते ।।
वो खुले आसमान में विचरणे के लिए
आजाद कर देते अपने प्रीतम को ।।
गर प्रीत सच्ची है विपरीत परिस्थितियों
में भी टूटने नहीं देते अपने स्नेह बंधन को ।।

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