अपने लिए तो सभी जीते हैं ..
कभी गैरों के लिए भी दिखा
मुहब्बत ...
तो समझोगे किसी पे स्नेह
और प्रीत लुटाके कितना
शुकुन मिलता ...
है परिभाषा प्रीत की रीत
पहले त्याग दिखाते
तो बदले में वो जान देते ...
किसी के गमों को बाँटना
और बेबसी में साथ निभाना
ही मानव जीवन की सार्थकता है ..
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