Saturday 8 July 2017

पति पत्नी

पति पत्नी दोनों एक,
दूजे के बिन अधूरे ।
दोनों मिलकर होते पूरे ।
सुख दुःख मिलकर सहते ।
परिवार की नींव डाल कर
जीवन को खुशियों से सजाते ।
खुशी व गम मिलके बाँट लेते ।
जीवन  के काँटे भरे राह भी
दोनों के संग से फूल बन जाते ।

मुश्किलों के पहाड़ खड़े हो
मिलकर दोनों हल ढूंढते हैं ।
भले ही खुद तकलीफ में हो
बच्चों के सुख के खातिर
सारे प्रबंध में जुटे रहते हैं ।
अपने हैसियत से अधिक उन्हें
सुविधा मुहैया कराते हैं ।

बच्चों के सुंदर भविष्य सजाते 
बच्चे अगर उसे छोड़ भी देते 
तो भी एक दूजे के साथ
खुशियों से जीवन जीते ..
पर नियति के निर्मम प्रहार से
रह जाते वो कितने अकेले
जिस मजबूत दरख्तों ने हमें
उचाइयों पे पहुँचाया उस पेड़
के सहारा बनें उसे झूकने न दे
बुजुर्ग माता पिता को टूटने न दें
खुशियाँ दे व उनके सहारे बनें ..

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