Sunday 22 September 2019

दोहे ( अद्भुत रस)

आलोकित अभ्र दमके  ,  पूनम की है रात  ।
चाँद निशा से मिल रहे , करते मीठी बात  ।।

देखो आए गगन में,  तारों की बारात ।
हीरे मोती चमकते , नभ दे प्रेमाघात  ।।

दुल्हन लगती है निशा,बढा हृदय अनुराग ।
चाँद मिलन को उतरे, पीर गए सब भाग ।।

खिली खिली सी चाँदनी, हर्षित हरसिंगार ।
आई बेला मिलन की , बिछने को तैयार  ।।

कितनी इतराई उषा,नैन भरे हैं प्यार ।
बासंती चोला पहन , अरुण करे मनुहार ।।

स्वर्ण किरण के संग रवि ,लेते जब अवतार ।
मोहित हो सूरजमुखी , गई हृदय वो  हार  ।।

सूरजमुखी युगों खड़ी, रवि से बहु लगाव  ।
पी दरश से झूम रही , तृप्त दृग अहो भाग   ।।

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