उफान देख नदियों का
मांझी गर दिल थाम ले
छोड़ दे हाथ पाँव चलाना
तो मझधार में ही डूब
जाएँगें उसकी किस्ती ..
हिम्मत वाले तूफानो को
गुजर जाते छू के ..
जो मन से हार मान ले
गर कोई इसां बैठे रहते
हाथ पे हाथ धरके
वो बैठे रहते साहिल पे
घबरा के ..
साहस को जो साथी बना ले
वो ही पार करते सागर को..
इस जग में है अनेकों झमेले
अनेकों यहाँ होते भेड़ चाल
जीवन के इस माया जाल
से निकलना होता मुश्किल
आत्मबल से मिलता है हल
खुद पे हो बुलंद हौसला
तो इन उलझनों से खुद ही
जाते निकल ..
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