Tuesday 21 November 2017

नागदंश

किसी की मीठी बोली
किसी के सूरत भोले भाले
ऐसा बिछा देता है जाल
जिसमें रह जाते हम उलझ
 शातिराना चलता चाल
 मन को कर देता घायल ..

 प्यारी प्यारी बातें कर पहले
विश्वास को कर लेते हासिल
चिकनी चुपड़ी झांसे में आते
ही वो अपने सारे विष को
 नागदंश कर देते उड़ेल..

किसी के बाण जहरीले
बिंधकर कर देता घायल
असंख्य घाव दे देते दिल पर
छटपटा कर रह जाता पहलू
ऐसों को है पहचानना मुश्किल ..

कहीं न कहीं ऐसे लोग हमें
टकरा ही जाते जीवन में
इंसा गर अच्छे से उसे पहचान ले
तो कीचड़ के छींटे पड़ने से बचा ले
फिर दामन को अपने होने न दे मैला ..

 

 

 

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