Saturday 18 November 2017

दुःख की बारात

अक्सर दुःख आती
तो बारात लेके आती
निकलने का रास्ता
न मिलता ..
मैंने पहले न देखा
न सुना था कभी
ऐसा भी हो सकता है !!
माँ के साथ पिता
भी छोड़ गए उसका
स्तब्ध रह गई सुनके
मेरे जानने वाले एक
मित्र की पत्नी गुजर गई 
कुछ दिन पहले मैंने
सुना था माँ भी उनकी ,
दो चार महीने पहले ही
साथ छोड़के चली गई
उसलोक ..
बेचारे बहुत दुखी रहते
पुत्र और पुत्री रहते थे
बहुत दूर उनसे
बेटी इन्जिनियर है
बेटा इन्जिनियरिंग करके
सर्विस की खोज में है
पापा बच्चे से मिलने गए
अगले ही दिन चले गए
इस दुनिया को छोड़ के
बेचारे बच्चों की तो
दुनिया ही उजड़ गई ..
हम सभी भी हैं हतप्रभ
एक साल के अंदर
चार चार मौत
भगवान बच्चों को
शक्ति दे इस वेदना से
उबरने की !!

No comments:

Post a Comment