मन रे तू मत हो उदास
अपने पे रख भरोसा
समझ न खुद को बेबस
किसी से फरियाद न कर
बना न खुद को लाचार
हक न मिलता मांगने पर ।
जब निराशा मन को घेरे ले
अंधकार चहूँ ओर फैल जाएँ
तू उम्मीद की किरण थाम ले ।
जब हो सामने परेशानियाँ
जमाने ने दी हो रूसवाईयाँ
तो धीरज को बनाना सहेलियाँ ।
जिन्दगी कई इम्तिहान लेती
मुश्किलों के पहाड़ों में घिर जाते
चतुराई से ही राह निकालना पड़ता ।
गर हौसले में हो बुलंदियाँ
तो कदम चुमती कामयाबियाँ
खुशियों का कारवाँ भी संग चलती ।
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