नए साल नई खुशियाँ लाए
काली अमावस की रातें दूर ही रहे
पड़े न वास्ता किसीको मुफ़लिसी से
सबके जीवन उजालों से भर जाए ..
घर आंगन खुशियों से खिलखिलाए
न हो सामना गमों से किसी का
हर घर प्रसिद्धि से रौशन हो जाए
सबका मन नई उमंगों से मुस्काए ..
कई यादें जो दिल को कचोटता
जिनकी छाया अब न नसीब में
जो हमारे दिल के बेहद करीब थे
बीते हुए वर्ष ने दी दुखों की सौगात ..
वो स्नेहहील रिश्ते जो बिछुड़ के
बहुत दूर चले गए हमें तन्हा करके
है उम्मीद न होंगे जुदा किसी से नए साल में ..
सब कोई रहे स्वस्थ व खुशहाल नए साल में ..
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